मेरा मन
Friday 19 October 2012
तन्हाई
दिल की गहराइयों में तू है
मेरी लंबी तनहाइयों में तू है
रुसवाईयों में तू है
दिल की खामोश रुबाईयों में तू है
तेरे बिन मैं कुछ नही
मेरी इन डूबी हुई
परछाईयों में तू है....
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